नीम करौली बाबा का जीवन परिचय | चमत्कार, परिवार और कहानियां | Neem Karoli Baba History, Biography & Stories In Hindi

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Neem Karoli Baba History In Hindi : नीम करोली बाबा का आश्रम उत्तराखंड के ककड़ी धाम में है. और नीम करोली बाबा वर्तमान भारत में ही नही विदेशों में भी बड़े संत के रूप में माने जाते है और उनके कारनामों से लोग उन्हे दिव्य पुरुष मानते है. दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स और हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा तक नीम करोली बाबा की भक्त है. आपको इस लेख में नीम करौली बाबा का जीवन परिचय, जन्म कुंडली, नीम करोली बाबा के शिष्य, चमत्कार, परिवार और बाबा की मृत्यु कैसे हुई से जुडी जानकारी को दिया गया है.

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Neem Karoli Baba History

Table of Contents

नीम करौली बाबा कौन है ? | Neem Karoli Baba Stories In Hindi

नीम करौली बाबा वर्तमान भारत में ही नही विदेशों में भी बड़े संत के रूप में माने जाते है. नीम करौली बाबा को लोगो उनके चमत्कार और भक्ति के कारण से दिव्य पुरुष मानते है. नीम करोली बाबा स्वयं हनुमान जी की पूजा करते थे लेकिन उनके भक्त लोग उनको ही हनुमान जी का अवतार मानते थे, थे यानि अब नीम करौली बाबा अब इस दुनिया में नही है.

नीम करोली बाबा का नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था और उनका जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में साल 1900 के आसपास हुआ था और मात्र 17 वर्ष की उम्र में उन्होंने ज्ञान की प्राप्ति कर ली थी. इनके पिताजी का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था उन्होंने बाबा की शादी मात्र 11 वर्ष की उम्र में करवा दी थी. नीम करोली बाबा का आश्रम उत्तराखंड राज्य के ककड़ी धाम में है. पहाड़ी इलाके में बने इस मंदिर में पांच देवी देवताओं के मंदिर है जिसमें से एक हनुमान जी का मंदिर भी है.

नीम करोली बाबा किसके भक्त थे ? | Neem Karoli Baba In Hindi

नीम करोली बाबा स्वयं हनुमान जी की पूजा करते थे लेकिन उनके भक्त लोग उनको ही हनुमान जी का अवतार मानते थे. नीम करोली महाराज को कलयुग में भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है. इस जगह पर हनुमान जी को समर्पित एक मंदिर भी है, वहीं परिसर में ही बाबा नीम करोली का भी मंदिर और प्रार्थना कक्ष बनाया गया है. नीम करोली बाबा उत्तराखंड राज्य के ककड़ी धाम में बने अपने आश्रम में रहते थे.

कैंची धाम आश्रम और मंदिर शिप्रा नदी के तट पर बना हुआ है. लेकिन उत्तराखंड में मौजूद कैंची धाम मंदिर की लोकप्रियता इतनी है कि यहां बाबा नीम करोली महाराज के दर्शन करने के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं. हर साल यहां 15 जून पर एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से बाबा, श्रद्धालु आते हैं.

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Neem Karoli Baba In Hindi

नीम करौली बाबा का आश्रम कहां है ? | Neem Karoli Baba Biography

नीम करोली बाबा का आश्रम उत्तराखंड के ककड़ी धाम में है. नीम करोली बाबा से जुड़ी कैंची धाम मंदिर एक ऐसी खास जगह है, जहां लोग अपने दुख दर्द लेकर अक्सर यहां आते रहते हैं. कैंची धाम आश्रम और मंदिर शिप्रा नदी के तट पर बना हुआ है. इस जगह पर हनुमान जी को समर्पित एक मंदिर भी है, वहीं परिसर में ही बाबा नीम करोली का भी मंदिर और प्रार्थना कक्ष बनाया गया है.

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नीम करौली बाबा का जीवन परिचय | Neem Karoli Baba Biography In Hindi

नीम करोली बाबा का नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था और उनका जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में साल 1900 के आसपास हुआ था और मात्र 17 वर्ष की उम्र में उन्होंने ज्ञान की प्राप्ति कर ली थी. नीम करोली बाबा के पिताजी का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था.

नीम करौली बाबा अलग अलग नाम से जाने जाते है ? | Neem Karoli Baba

जब नीम करोली बाबा जीवित थे तब लोग उन्हे लक्ष्मण दास, हांडी वाले बाबा, तिकोनिया वाले बाबा और तलईया बाबा के नाम से जानते थे.

नीम करोली बाबा के चमत्कार | Neem Karoli Baba Biography In Hindi

अंग्रेजो के समय की बात है जब बाबा फर्स्ट क्लास कम्पार्टमेंट ट्रेन में सफर कर रहे थे लेकिन उनके पास टिकट नहीं था. लेकिन जब टीसी आया तो उसने बाबा को अगले स्टेशन नीम करोली में उतार दिया था बाबा का क्या था बाबा अपना चिमटा धरती में गड़ाकर बैठ गए तो फिर रेल के ऑफिसर्स ने रेल को चलाने के लिए कहा और गार्ड ने हरी झंडी दिखा दी लेकिन खूब प्रयत्न के बार भी रेल थोड़ी सी भी आगे नहीं बढ़ी थी.

लेकिन जब भरसक प्रयास करने के बाद भी रेल नही बढ़ी तो एक लोकल मजिस्ट्रेट जो बाबा को जानता था उसने रेल ऑफिशियल से कहा की बाबा से माफी मांगकर उन्हे अंदर बैठा लो सम्मानपूर्वक और जैसे ही बाबा बैठे ट्रेन चल पड़ी तब से इनका नाम नीम करोली बाबा पड़ा.

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नीम करोली बाबा का परिवार | Neem Karoli Baba Family

नीम करोली बाबा के दो बेटे और एक बेटी थी उनका बड़ा बेटा अनेक सिंह अपने परिवार के साथ भोपाल में रहता है. और उनका छोटा बेटा धर्म नारायण शर्मा वन विभाग में रेंजर पद पर रहा जिनका हाल ही में निधन हो गया. नीम करोली बाबा ने 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में अपने शरीर का त्याग कर दिया था.

नीम करौली बाबा का कैंची धाम मंदिर कहां है ?

कैंची धाम मंदिर की वास्तुकला उत्तर भारतीय शैली में बनाई गई है. कैंची धाम उत्तराखंड में मौजूद नैनीताल-अल्मोड़ा रास्ते पर नैनीताल से करीबन 17 किमी और भवाली से 9 किमी की दूरी पर स्थित है. हर साल यहां 15 जून पर एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से बाबा, श्रद्धालु आते हैं.

नीम करोली बाबा की मृत्यु कैसे हुई | how neem karoli baba died

नीम करोली बाबा की मधुमेह कोमा में जाने के बाद 11 सितंबर 1973 की सुबह लगभग 1:15 बजे वृन्दावन , भारत के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई. वह रात की ट्रेन से आगरा से नैनीताल के पास कैंची लौट रहे थे, जहां सीने में दर्द के कारण वह एक हृदय रोग विशेषज्ञ के पास गए थे. वह और उसके यात्रा करने वाले साथी मथुरा रेलवे स्टेशन पर उतरे थे, जहां उसे ऐंठन होने लगी और उसने श्री धाम वृन्दावन ले जाने का अनुरोध किया.

वे उसे अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में ले गए. अस्पताल में डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन दिया और उनके चेहरे पर ऑक्सीजन मास्क लगा दिया. अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि वह मधुमेह कोमा में थे लेकिन उनकी नाड़ी ठीक थी. महाराजजी उठे और अपने चेहरे से ऑक्सीजन मास्क और बांह से रक्तचाप मापने वाला बैंड खींच लिया और कहा, “बेकार (बेकार).” महाराज जी ने गंगाजल माँगा.

चूँकि वहाँ कोई नहीं था, वे उसके लिए नियमित पानी लेकर आए. फिर उन्होंने कई बार दोहराया, ” जया जगदीश हरे ” (“ब्रह्मांड के भगवान की जय”), हर बार कम स्वर में. उसका चेहरा बहुत शांत हो गया और दर्द के सभी लक्षण गायब हो गए. वह मृत है. उनका समाधि मंदिर वृन्दावन आश्रम के परिसर में बनाया गया था, जिसमें उनकी कुछ निजी चीज़ें भी हैं.

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नीम करोली बाबा के शिष्य | Disciples of Neem Karoli Baba

नीम करोली बाबा के उल्लेखनीय शिष्यों में आध्यात्मिक शिक्षक राम दास ( बी हियर नाउ के लेखक ), गायक और आध्यात्मिक शिक्षक भगवान दास , लेखक और ध्यान शिक्षक लामा सूर्य दास और संगीतकार जय उत्तल और कृष्ण दास शामिल हैं. अन्य उल्लेखनीय भक्तों में मानवतावादी लैरी ब्रिलियंट और उनकी पत्नी गिरिजा, दादा मुखर्जी ( इलाहाबाद विश्वविद्यालय , उत्तर प्रदेश , भारत के पूर्व प्रोफेसर ), विद्वान और लेखक यवेटे रोसेर, अमेरिकी आध्यात्मिक शिक्षक मां जया सती भगवती , फिल्म निर्माता जॉन बुश और शामिल हैं.

डेनियल गोलेमैन द वेरायटीज़ ऑफ द मेडिटेटिव एक्सपीरियंस एंड इमोशनल इंटेलिजेंस के लेखक हैं. बाबा हरि दास (हरिदास) कोई शिष्य नहीं थे. लेकिन कैलिफोर्निया में आध्यात्मिक शिक्षक बनने के लिए अमेरिका जाने से पहले उन्होंने (1954-1968) नैनीताल क्षेत्र में कई इमारतों की देखरेख की और आश्रमों का रखरखाव किया 1971 की शुरुआत में. स्टीव जॉब्स ने अपने मित्र डैन कोट्टके के साथ हिंदू धर्म और भारतीय आध्यात्मिकता का अध्ययन करने के लिए अप्रैल 1974 में भारत की यात्रा की थी.

उन्होंने नीम करोली बाबा से मिलने की भी योजना बनाई, लेकिन वहां पहुंचे तो पता चला कि गुरु की पिछले सितंबर में मृत्यु हो गई थी. हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स भी नीम करोली बाबा से प्रभावित थीं. उनकी एक तस्वीर ने रॉबर्ट्स को हिंदू धर्म की ओर आकर्षित किया. स्टीव जॉब्स से प्रभावित होकर मार्क जुकरबर्ग ने कैंची में नीम करोली बाबा के आश्रम का दौरा किया. लैरी ब्रिलियंट Google के लैरी पेज और eBay के सह-संस्थापक जेफरी स्कोल को तीर्थयात्रा पर ले गए.

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नीम करोली बाबा के बारे में 10 तथ्य | 10 facts about neem karoli baba

  • नीम करोली बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था.
  • जब वे 11 वर्ष के थे, तब नीम करोली बाबा का विवाह एक ब्राह्मण लड़की से हुआ था. अपनी शादी के तुरंत बाद, उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और एक साधु के रूप में पूरे भारत में घूमते रहे और कई नामों से जाने गए.
  • ऐसा माना जाता है कि जब नीम करोली बाबा 17 साल के हुए, तब उन्हें सब कुछ पता था.
  • 10-15 साल बाद उनके पिता को जानकारी मिली कि उनका बेटा उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में कहीं देखा गया है. उनके पिता तुरंत जिले में पहुंचे और उन्हें घर लौटने और परिवार के साथ रहने का आदेश दिया. बाबा के दो बेटे और एक बेटी हैं. घर पर रहने के दौरान नीम करोली बाबा सामाजिक कार्यों में लगे रहे.
  • 1962 में, बाबा नीम करोली ने कैंची गांव में उस स्थान के चारों ओर एक चबूतरा बनवाया, जहां दो आध्यात्मिक गुरु साधु प्रेमी बाबा और सोमबारी महाराज ने यज्ञ किया था.
  • उन्होंने कई स्थानों पर भगवान हनुमान के मंदिर भी बनवाये. भगवान हनुमान के पहले मंदिर का उद्घाटन 15 जून, 1964 को हुआ था. दूसरा मंदिर वृन्दावन में बनाया गया था.
  • बाबा करोली बाबा के लखनऊ समेत कई जगहों पर मंदिर और अमेरिका के टेक्सास में एक आश्रम है. उनकी वेबसाइट के अनुसार, महाराजजी ने कम से कम 108 मंदिरों की स्थापना की.
  • 60 के दशक के उत्तरार्ध में बाबा राम दास के नाम से जाने जाने वाले एक अमेरिकी ने नीम करोली बाबा के बारे में किताबें लिखीं और सैकड़ों पश्चिमी लोग उनके दर्शन के लिए गए.
  • जो कोई भी कैंची गांव में आश्रम का दौरा करना चाहता है, उसे पूर्व अनुमति का अनुरोध करना होगा. पुराने भक्तों में से किसी एक के संदर्भ के बाद, कोई तीन दिनों तक रुक सकता है. आश्रम साल के अधिकांश समय बंद रहता है क्योंकि वहां बहुत ठंड पड़ती है.
  • नीम करोली बाबा ने अपनी समाधि के लिए वृन्दावन की भूमि को चुना. 10 सितंबर 1973 को उनकी मृत्यु हो गई. बाद में आश्रम में उनके लिए एक मंदिर बनाया गया. 15 जून 1976 को उनकी प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की गई.

नीम करोली बाबा मंत्र | neem karoli baba mantra in hindi

जापे कृपा करहु सोई भाने।। करि दे अरपन सब तन मन धन | पावे सुख आलौकिक सोई जन।। दरस परस प्रभु जो तव करई। सुख संपत्ति तिनके घर भरई।।

मैं हूँ बुद्धि मलीन अति, श्रद्धा भक्ति विहीन ।
करू विनय कछु आपकी, होउ सब ही विधि दीन।।
श्रद्धा के यह पुष्प कछु। चरणन धरि सम्हार।।
कृपासिंधु गुरुदेव प्रभु। करि लीजे स्वीकार।।

नीम करोली बाबा की जन्म कुंडली | Neem Karoli Baba Birth Chart

नीम करोली बाबा का मूल नाम लक्ष्मीनारायण जी शर्मा था. उत्तरप्रदेश के अकबरपुर नामक गांव में उनका जन्म सन्न 1900 के लगभग हुआ था. उन्हें 17 वर्ष की उम्र में ही ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी. उनके पिता जी का नाम श्री दुर्गा प्रसाद जी शर्मा था. उनका 11 वर्ष की आयु में ही बाबा का विवाह संपन्न हो गया था. नीम करोली बाबा की मधुमेह कोमा में जाने के बाद 11 सितंबर 1973 की सुबह लगभग 1:15 बजे वृन्दावन , भारत के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई.

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नीम करोली बाबा की आरती | Neem karoli baba ki aarti

दोहा 

मैं हूँ बुद्धि मलीन अति, श्रद्धा भक्ति विहीन ।
करू विनय कछु आपकी, होउ सब ही विधि दीन।।

चौपाई 

जय जय नीम करोली बाबा , कृपा करहु आवे सदभावा।।
कैसे मैं तव स्तुति बखानू ।नाम ग्राम कछु मैं नही जानू।।
जापे कृपा दृष्टि तुम करहु। रोग शोक दुख दारिद हरहु।।
तुम्हरे रुप लोग नही जाने। जापे कृपा करहु सोई भाने।।
करि दे अरपन सब तन मन धन | पावे सुख आलौकिक सोई जन।।
दरस परस प्रभु जो तव करई। सुख संपत्ति तिनके घर भरई।।
जै जै संत भक्त सुखदायक। रिद्धि सिद्धि सब संपत्ति दायक।।
तुम ही विष्णु राम श्रीकृष्ण। विचरत पूर्ण कारन हित तृष्णा।।
जै जै जै जै श्री भगवंता। तुम हो साक्षात भगवंता।।
कही विभीषण ने जो वानी। परम सत्य करि अब मैं मानी।।
बिनु हरि कृपा मिलहिं नही संता। सो करि कृपा करहिं दुःख अंता।।
सोई भरोस मेरे उर आयो । जा दिन प्रभु दर्शन मैं पायो।।
जो सुमिरै तुमको उर माही । ताकी विपत्ति नष्ट ह्वे जाई।।
जय जय जय गुरुदेव हमारे। सबहि भाँति हम भये तिहारे।।
हम पर कृपा शीघ्र अब करहु। परम शांति दे दुख सब हरहु।।
रोक शोक दुःख सब मिट जावे। जपे राम रामहि को ध्यावे।।
जा विधि होइ परम कल्याना । सोई विधि आपु देहु वारदाना।।
सबहि भाँति हरि ही को पूजे। राग द्वेष द्वन्दन सो जूझे।।
करें सदा संतन कि सेवा। तुम सब विधी सब लायक देवा।।
सब कुछ दे हमको निस्तारो । भवसागर से पार उतारो।।
मैं प्रभु शरण तिहारी आयो। सब पुण्यन को फल है पायो।।
जय जय जय गुरु देव तुम्हारी। बार बार जाऊ बलिहारी।।
सर्वत्र सदा घर घर की जानो । रखो सुखों ही नित खानों।।
भेष वस्त्र हैं, सदा ऐसे। जाने नहीं कोई साधु जैसे।।
ऐसी है प्रभु रहनी तुम्हारी । वाणी कहो रहस्यमय भारी।।
नास्तिक हूँ आस्तिक ह्वे जाए। जब स्वामी चेटक दिखलावे।।
सब ही धरमन के अनुनायी। तुम्हे मनावे शीश झुकाई ।।
नही कोउ स्वारथ नही कोई इच्छा। वितरण कर देउ भक्तन भिक्षा।।
केही विधि प्रभु मैं तुम्हे मनाऊ। जासो कृपा प्रसाद तव पाऊं।।
साधु सुजन के तुम रखवारे। भक्तन के हो सदा सहारे।।
दुष्टऊ शरण आनी जब परई । पूरण इच्छा उनकी करई।।
यह संतन करि सहज सुभाउ। सुनि आश्चर्य करई जनि काउ।।
ऐसी करहु आप दया।निर्मल हो जाए मन और काया।।
धर्म कर्म में रुचि हो जावे। जो जन नित तव स्तुति गावे।।
आवे सदगुन तापे भारी। सुख संपत्ति सोई पावे सारी।।
होइ तासु सब पूरण कामा। अंत समय पावे विश्रामा।।
चारी पदारथ है, जग माही। तव कृपा प्रसाद कछु दुर्लभ नाही।।
त्राहि त्राहि मैं शरण तिहारी । हरहु सकल मम विपदा भारी।।
धन्य धन्य बढ़ भाग्य हमारो। पावे दरस परस तव न्यारो।।
कर्महीन अरु बुद्धि विहीना। तव प्रसाद कछु वर्णन कीन्हा।।

दोहा-
श्रद्धा के यह पुष्प कछु। चरणन धरि सम्हार।।
कृपासिंधु गुरुदेव प्रभु। करि लीजे स्वीकार।।

FAQ’s-Neem Karoli Baba History, Biography & Stories In Hindi

Q: नीम करौली बाबा कौन थे ?

Ans: नीम करोली बाबा का आश्रम उत्तराखंड के ककड़ी धाम में है. और नीम करोली बाबा वर्तमान भारत में ही नही विदेशों में भी बड़े संत के रूप में माने जाते है और उनके कारनामों से लोग उन्हे दिव्य पुरुष मानते है.

Q: नीम करौली बाबा का असली नाम क्या था ?

Ans: नीम करोली बाबा का नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था.

Q: नीम करोली बाबा की मृत्यु कैसे हुई ?

Ans: नीम करोली बाबा की मधुमेह कोमा में जाने के बाद 11 सितंबर 1973 की सुबह लगभग 1:15 बजे वृन्दावन , भारत के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई. वह रात की ट्रेन से आगरा से नैनीताल के पास कैंची लौट रहे थे, जहां सीने में दर्द के कारण वह एक हृदय रोग विशेषज्ञ के पास गए थे.

Q: नीम करोली बाबा मंत्र ?

Ans: नीम करौली बाबा का मन्त्र – जापे कृपा करहु सोई भाने।। करि दे अरपन सब तन मन धन | पावे सुख आलौकिक सोई जन।। दरस परस प्रभु जो तव करई। सुख संपत्ति तिनके घर भरई।। है.

Q: नीम करोली बाबा के चमत्कार ?

Ans: अंग्रेजो के समय की बात है जब बाबा फर्स्ट क्लास कम्पार्टमेंट ट्रेन में सफर कर रहे थे लेकिन उनके पास टिकट नहीं था. लेकिन जब टीसी आया तो उसने बाबा को अगले स्टेशन नीम करोली में उतार दिया था बाबा का क्या था बाबा अपना चिमटा धरती में गड़ाकर बैठ गए तो फिर रेल के ऑफिसर्स ने रेल को चलाने के लिए कहा और गार्ड ने हरी झंडी दिखा दी लेकिन खूब प्रयत्न के बार भी रेल थोड़ी सी भी आगे नहीं बढ़ी थी.

Q: नीम करोली बाबा का परिवार में कौन कौन है ?

Ans: नीम करोली बाबा के दो बेटे और एक बेटी थी उनका बड़ा बेटा अनेक सिंह अपने परिवार के साथ भोपाल में रहता है. और उनका छोटा बेटा धर्म नारायण शर्मा वन विभाग में रेंजर पद पर रहा जिनका हाल ही में निधन हो गया.

Q: नीम करोली बाबा के शिष्य कौन कौन है ?

Ans: नीम करोली बाबा के उल्लेखनीय शिष्यों में आध्यात्मिक शिक्षक राम दास ( बी हियर नाउ के लेखक ), गायक और आध्यात्मिक शिक्षक भगवान दास , लेखक और ध्यान शिक्षक लामा सूर्य दास और संगीतकार जय उत्तल और कृष्ण दास शामिल हैं. अन्य उल्लेखनीय भक्तों में मानवतावादी लैरी ब्रिलियंट और उनकी पत्नी गिरिजा, दादा मुखर्जी ( इलाहाबाद विश्वविद्यालय , उत्तर प्रदेश , भारत के पूर्व प्रोफेसर ), विद्वान और लेखक यवेटे रोसेर, अमेरिकी आध्यात्मिक शिक्षक मां जया सती भगवती , फिल्म निर्माता जॉन बुश और शामिल हैं.

Q: नीम करोली बाबा की समाधि कहां है ?

Ans: नीम करोली बाबा का समाधि स्थल नैनीताल के पास पंतनगर में है.

Q: नीम करोली बाबा का आश्रम कहां है ?

Ans: नीम करोली बाबा का आश्रम उत्तराखंड के ककड़ी धाम में है.

Q: कैंची धाम कहां है ?

Ans: कैंची धाम उत्तराखंड में मौजूद नैनीताल-अल्मोड़ा रास्ते पर नैनीताल से करीबन 17 किमी और भवाली से 9 किमी की दूरी पर स्थित है.

Q: नीम करोली बाबा क्यों प्रसिद्ध है ?

Ans: नीम करौली बाबा अपने चमत्कार के कारण से देश ही बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है. नीम करोली महाराज को कलयुग में भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है.

Q: नीम करोली बाबा का स्थान कहां है ?

Ans: नीम करोली बाबा का आश्रम उत्तराखंड के ककड़ी धाम में है. इस जगह पर हनुमान जी को समर्पित एक मंदिर भी है, वहीं परिसर में ही बाबा नीम करोली का भी मंदिर और प्रार्थना कक्ष बनाया गया है

Q: नीम करोली बाबा का जन्मदिन कब है ?

Ans: बाबा नीम करौली का जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में साल 1900 के आसपास हुआ था और मात्र 17 वर्ष की उम्र में उन्होंने ज्ञान की प्राप्ति कर ली थी.

Q: नीम करौली बाबा के पिता का क्या नाम था ?

Ans: नीम करोली बाबा के पिताजी का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था.

Q: नीम करौली बाबा के कितने बेटे है ?

Ans: नीम करोली बाबा के दो बेटे और एक बेटी थी उनका बड़ा बेटा अनेक सिंह अपने परिवार के साथ भोपाल में रहता है.

Q: नीम करौली बाबा की शादी कब हुई थी ?

Ans: नीम करौली बाबा के पिताजी ने बाबा की शादी मात्र 11 वर्ष की उम्र में करवा दी थी.

Q: नीम करौली बाबा किन नामों से जाने जाते है ?

Ans: जब नीम करोली बाबा जीवित थे तब लोग उन्हे लक्ष्मण दास, हांडी वाले बाबा, तिकोनिया वाले बाबा और तलईया बाबा के नाम से जानते थे.

आपको इस लेख में नीम करोली बाबा के चमत्कार, Neem Karoli Baba Biography In Hindi, नीम करोली बाबा की मृत्यु कैसे हुई, Neem Karoli Baba History, नीम करोली बाबा की प्रार्थना कैसे करें, Neem Karoli Baba Stories In Hindi, नीम करोली बाबा की कहानी, neem karoli baba mandir kaha hai, नीम करोली बाबा की जन्म कुंडली, नीम करोली बाबा क्यों प्रसिद्ध है, नीम करोली बाबा का स्थान कहां है, नीम करोली बाबा के शिष्य, nainital to neem karoli baba distance से जुडी जानकारी को दिया गया है जिससे आप नीम करौली बाबा से जुडी पूरी जानकारी को प्राप्त कर सकते है.

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