मूंगफली की खेती कैसे करें Mungfali Ki Kheti Kaise Kare | मूंगफली कि खेती कब और कहां करें कि पूरी जानकारी जाने

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Mungfali Ki Kheti Kaise Kare:- दोस्तों जैसा आप सभी जानते है कि किसान अपनी जमीन पर सबसे अधिक पैदा और मुनाफे वाली फसल बोना चाहता है जिसमे मूंगफली कि फसल सबसे अधिक कमाई वाली फसलों में से एक है. लेकिन मूंगफली कि खेती करने के लिए समय, बिज, उन्नत किस्म, खाद और खेती कि पूरी जानकारी रखना जरुरी है तभी आप मूंगफली कि खेती करके अच्छी फसल ले सकते है आपको इस आर्टिकल में मूंगफली कि खेती कैसे करें, मूंगफली कि खेती का समय, मुनाफा, खर्चा, बिज, उन्नत किस्में और मूंगफली कि सब्जी बनाने कि विधि के बारे में पूरी जानकारी को बताया गया है.

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मूंगफली की खेती कैसे करें

Table of Contents

मूंगफली कि खेती कैसे करें | Mungfali Ki Kheti Kaise Kare

दोस्तों हमारा भारत देश एक कृषि प्रधान देश है और आप सभी जानते है कि आज का समय पुरानी कृषि परम्परा पर नही चलाया जा सकता है क्योकि देश में महंगाई बढती जा रही है इसी कारण से देश का किसान अपनी जमीन पर सबसे अधिक उत्पादन और महंगी फसल जोतने का प्रयास करता है जिसमे मूंगफली कि फसल अधिक उत्पादन और आय अर्जित करती है.

लेकिन मूंगफली कि खेती (Mungfali Ki Kheti) करने के लिए जमीन कि मिट्टी और पानी सबसे जरुरी स्रोत है. इसके अलावा मूंगफली कि खेती के लिए उन्नत किस्मों से लेकर इसकी बुवाई के आधुनिक तरीकों एवं अन्य विधियों कि जानकारी किसान के पास में होना बहुत ही आवश्यक है. तभी किसान अपनी जमीन पर मूंगफली कि खेती करके अपनी आय को बढ़ा सकते है.

मूंगफली कि खेती करने के लिए जमीन कैसे होनी चाहिए | Mungfali Ki Kheti

जैसा दोस्तों आप सभी जानते है कि अलग अलग फसल के लिए जमीन कि मिट्टी अच्छी होना जरुरी है जिसमे अगर आप अपने खेत में मूंगफली कि फसल जोतना चाहते है तो आपको इससे पहले मूंगफली के खेत की तीन से चार बार जुताई करना जरुरी है. जिसमे अगर आप मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करना सबसे अच्छा उदहारण रहता है.

साथ में मूंगफली कि खेती करने के लिए आपको जमीन में नमी को बनाए रखने के लिए जुताई के बाद पाटा लगाना जरूरी है. इससे नमी काफी समय तक बनी रहती है और खेती की आखिरी तैयारी करने के समय 2.5 क्विंटल की प्रति हेक्टेयर की दर से जिप्सप का प्रयोग करें. इन सभी विधियों को अपनाकर के आप मूंगफली कि खेती करके अच्छा उत्पादन कर सकते है.

मूंगफली कि खेती के लिए मौसम कैसे होना चाहिए? | Mungfali Ki Kheti

दोस्तों किसी भी फसल को जोतने से पहले हमें उस जमीन कि जलवायु और मौसम कि जानकारी का होना जरुरी है कि मूंगफली कि खेती के लिए जलवायु अनुकूल है या नहीं?, लेकिन दोस्तों भारत के लगभग सभी राज्यों में मूंगफली कि खेती कि जाती है जिसमे मूंगफली कि खेती के लिए सूर्य की अधिक रोशनी और उच्च तापमान इसकी बढ़त के लिए अनुकूल माने जाते हैं.

वहीं अच्छी पैदावार के लिए कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस तापमान होना आवश्यक है. ऐसे तो मूंगफली कि खेती पुरे साल भर की जा सकती है लेकिन खरीफ सीजन में जून माह के दूसरे पखवाड़े तक इसकी बुवाई की जानी चाहिए. क्योकि मूंगफली कि खेती के लिए इस समय उपयुक्त जलवायु होती है जिसकी वजह से मूंगफली कि फसल बेहतर होती है

मूंगफली की उन्नत किस्में कोन कोनसी है? | Mungfali Ki Kheti Ke Liye Bij

अगर हमें मूंगफली कि खेती करके अच्छी पैदावार करनी होती है तो इसमें सबसे जरुरी मूंगफली का बिज और मुंगली कि उन्नत किस्मे के बिज चाहिए. जिसमे मूंगफली की अच्छी उन्नत किस्में एम-548 120-126, टीजी 37ए 120-130, आर.जी. 425, 120-130, एमए 10 125-130, जी 201 110-120 किस्में मुख्य है. इनके अलावा अन्य किस्में एके 12, -24, जी जी 20, सी 501, जी जी 7, आरजी 425, आरजे 382 आदि भी मूंगफली कि किस्मे है.

मूंगफली कि खेती में जल्द पकने वाली किस्में कि बात कि जाए तो, आर जी 382 खरीफ मौसम में खेती के लिए यह उपयुक्त किस्म है. इसके दाने आकार में बड़े होते हैं. साथ में मूंगफली कि इस फसल को खुदाई के लिए तैयार होने में करीब 115 से 120 दिन समय लगता है. अगर आप किसान है तो आप उपर दी गई मूंगफली कि उन्नत किस्मों के बिज बोकर अच्छी फसल ले सकते है.

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मूंगफली की खेती कब करनी चाहिए? | Mungfali Ki Kheti Ka Samay

दोस्तों मूंगफली कि खेती करने के लिए सबसे जरुरी जोतने का सही समय का ध्यान रखना जरुरी है जिसमे खरीफ सीजन की मूंगफली की बुवाई का सही समय जून का दूसरा पखवाड़ा होता है. और रबी एवं जायद की फसलों के लिए उचित तापमान देख कर मूंगफली कि फसल कि बुआई कि जा सकती है. मूंगफली की बुवाई के समय कई बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है जिसमे सामान्य रूप से 15 जून से 15 जुलाई के मध्य मूंगफली की बुवाई की जा सकती है.

खेत में मुन्फाली का बीज बोने से पहले 3 ग्राम थायरम या 2 ग्राम मैकोजेब दवा प्रति किलो बीज के हिसाब से लेना चाहिए. इस दवाई से बीज में लगने वाले रोगों से बचाया जा सकता है और इसके अंकुरण भी अच्छा होता है. सही पर मूंगफली कि बिजाई करने के तीन दिनों के भीतर प्रति एकड़ खेत में 700 ग्राम पेंडीमिथेलीन 38.7 प्रतिशत का प्रयोग करना अच्छा रहता है.

मूंगफली कि खेत में घास रोकने के लिए क्या करें? | Mungfali Ki Kheti In Hindi

आज के समय में मूंगफली कि खेती करने में सबसे अधिक किसानों को होने वाली समस्या घास उगने कि आ रही है जिसमे किसान मूंगफली कि खेती में खपतवार कि रोकथाम के लिए अनेक प्रकार के प्रयास करते है क्योकि खरपतवार की अधिकता से फसल पर बुरा असर पड़ता है. साथ में मूंगफली कि बुवाई के 3 से 6 सप्ताह के बीच कई प्रकार की घास निकलना शुरू हो जाती है. कुछ उपायों या दवाओं के प्रयोग से आप आसानी से इस पर नियंत्रण कर सकते हैं.

अगर मूंगफली कि फसल में खरपतवार का प्रबंधन नहीं किया गया तो घास कि वजह से फसल 30 से 40 प्रतिशत तक खराब हो जाती है. मूंगफली में खरपतवारों की रोकथाम के लिए पेन्डीमेथालिन 30 ई. सी.1.3 लीटर प्रति एकड 200 लीटर पानी में घोलकर बुवाई के 3 दिन के अंदर छिड़काव कर देना चाहिए. और मूँगफली की खड़ी फसल में चौड़ी पत्ती एवं घास खरपतवारों की रोकथाम के लिए इमेजेथपायर10% एस. एल. (परशूट) 400 मिली प्रति एकड 200 लीटर पानी मे घोलकर बुआई के 15- 20 दिन बाद भूमि में नमी होने पर छिडकाव करें.

मूंगफली कि बुआई के बाद क्या करना चाहिए? | Mungfali Ki Kheti Process

  • फसल कि बुवाई के 15 दिनों बाद पहली निराई-गुड़ाई करें.
  • दूसरी निराई – गुड़ाई बुवाई के 35 दिन बाद करें.
  • खड़ी फसल में 150-200 लीटर पानी में 250 मिलीलीटर इमेजाथापर 10 प्रतिशत एसएल मिला कर छिडक़ाव करना चाहिए. 
  • तीन दिनों के भीतर प्रति एकड़ खेत में 700 ग्राम पेंडीमिथेलीन 38.7 प्रतिशत का प्रयोग करें.
  • मूंगफली में खरपतवारों की रोकथाम के लिए पेन्डीमेथालिन 30 ई. सी.1.3 लीटर प्रति एकड 200 लीटर पानी में घोलकर बुवाई के 3 दिन के अंदर छिड़काव कर देना चाहिए.
  • गफली की खड़ी फसल में चौड़ी पत्ती एवं घास खरपतवारों की रोकथाम के लिए इमेजेथपायर10% एस. एल. (परशूट) 400 मिली प्रति एकड 200 लीटर पानी मे घोलकर बुआई के 15- 20 दिन बाद भूमि में नमी होने पर छिडकाव करें.

मूंगफली कि फसल बुवाई करते समय क्या ध्यान में रखें?

जब दोस्तों आप अपने खेत में मूंगफली कि फसल को जोतते है तो आपको इससे पहले कुछ बातोँ को ध्यान में रखना होता है जिसमे आपको सबसे पहले मूंगफली फसल कि बुवाई करते समय सामान्य रूप से 15 जून से 15 जुलाई के मध्य करनी चाहिए इसके अलावा आपको बीज बोने से पहले 3 ग्राम थायरम या 2 ग्राम मैकोजेब दवा प्रति किलो बीज के हिसाब से लेना चाहिए। इस दवाई से बीज में लगने वाले रोगों से बचाया जा सकता है.

फसल को खेत में बोने के तुरंत 3 दिन के अंदर अंदर आपको खरपतवार कि रोकथाम के लिए पेन्डीमेथालिन 30 ई. सी.1.3 लीटर प्रति एकड 200 लीटर पानी में घोलकर के छिड़काव कर देना चाहिए. इससे आपको आगे चलकर के मूंगफली कि खेती में होने वाली घास से छुटकारा मिलेगा. और यह काम करके आप अपनी 30% तक फसल खराब होने से रोक सकते है.

मूंगफली की फसल में सिंचाई कैसे करें? | मूंगफली की खेती कैसे करें

जैसा दोस्तों आप सभी को पता ही है कि हमें खरीफ सीजन की मूंगफली की फसल में सिंचाई की करने कि आवश्यकता कम पड़ती है क्योकि इस समय पर बारिस अच्छी हो जाती है लेकिन फिर भी दोस्तों हमें मूंगफली कि फसल में सिंचाई के लिए आधुनिक तरीका अपनाना चाहिए. जिसमे आपको मूंगफली में सिंचाई करने से पहले जमीन पर हल्की मिट्टी की नालियां बना लेनी चाहिए.

लेकिन आपको नालियॉं बनांते समय ध्यान रखना जरुरी है कि इन नालियों में बारिश का पानी एकत्र नहीं हो सके. क्योकि नालियों में बारिस का पानी इकट्ठा होने पर फसल में कीट या रोग का प्रकोप जल्दी होता है. साथ में दोस्तों फुव्वारा सिस्टम से मूंगफली में सिंचाई करने से बिज को अच्छे से पानी मिल जाती है और इससे मूंगफली के पोधे कि जड़े मिट्टी से बाहर नही निकलती है.

मूंगफली कि फसल में कोन कोनसे रोग लगते है और इनके लिए क्या करें? 

अगर आप अपने खेत में मूंगफली कि फसल बुवाई करते है तो आपको पता तो होगा ही कि मूंगफली में बहुत से प्रकार के अलग अलग रोग लगते है जिसमे अगर मूंगफली कि फसल में पत्तियां पकने से पहले ही गिर रही है तो ऐसे में मूंगफली में टिक्का रोग होता है. जिससे पत्तियों पर धब्बे पड़ना शुरू हो जाते है. मूंगफली में रोग को रोकने के लिए कार्बेन्डाजिम रसासन की 200 ग्राम मात्रा को प्रति 100 लीटर पानी में मिलाकर 15-15 दिनों के अंतराल पर छिडक़ाव करें.

मूंगफली में गेरुई रोग के कारण पैदावार में 14 से 30% तक की कमी आ जाती है. और अगर बात करें मूंगफली के अलग अलग रोगों कि तो इसमें मुख्य रूप से जैसे ग्रीवा विगलन, तना गलन, पीला कवक आदि रोग होते हैं. इन सभी रोगों कि अलग अलग दवायें आपको अपने नजदीकी शहर के खाद बिज व कीटनाशक कि दुकान पर मिल जाती है.

मूंगफली कि फसल कब काटनी चाहिए? | Mungfali Ki Kheti Kaise Kare

दोस्तों हमें मूंगफली कि फसल बोने से लेकर के मूंगफली कि फसल काटने तक कि जानकारी होना जरुरी है क्योकि अगर आप फसल ठीक से पकने से पहले ही काट लेते है तो इसमें कच्ची मूंगफली निकलने से भाव में कटौती हो जाती है इसी लिए आपको जब पत्तियां पूरी तरह से पक जाएं और वे अपने आप गिरने लगें एवं फली सख्त हो एवं दाने का अंदरूनी रंग गहरा हो तो कटाई शुरू कर दें.

और अधिक देरी से भी मूंगफली कि फसल काटने से बीजों को गुच्छों की किस्म में होने के कारण दायर में ही अंकुरित किया जाता है. इसी लिए आपको मूंगफली कि फसल जोतने कि तारीख और बिज के कितने दिनों में पकता है इन सभी बातो का ध्यान रखना जरुरी है मूंगफली कि फसल अलग अलग बिज के पकने पर भी निर्भर करती है. इसी लिए पत्तियां पूरी तरह से पक जाने पर ही फसल कि कटाई शुरू करें.

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मूंगफली कि खेती में मुनाफा कितना होता है? | Mungfali Ki Kheti Me Income

दोस्तों मूंगफली कि खेती में अगर अच्छी पैदावार होती है तो किसान को मूंगफली कि फसल में अच्छा मुनाफा होता है. उदहारण के रूप में अगर लालचन्द है किसान है और इन्होने अपनी 3 हेक्टयेर जमीन पर मूंगफली कि फसल बोई थी और इनकी प्रति एक हेक्टेयर जमीन पर खाद, बिज, बुवाई और दवाई से सभी को मिलाकर के अगर 30,000 रुपए का खर्चा आता है.

और इनकी प्रति एक हेक्टेयर जमीन में 25 क्विंटल मूंगफली होती है तो तो इनकी 3 हेक्टयर जमीन पर 75 क्विंटल मूंगफली हुयी है और मूंगफली का भाव 5200 रुपए प्रति क्विंटल है तो 75×5200 के हिसाब से 3 लाख 90,000 हजार रुपए कि फसल होती है जिसमे से प्रति हेक्टेयर का खर्चा 30,000 जोड़ने पर 3 हेक्टेयर जमीन का कुल खर्चा 90,000 रुपए आता है.

तो इसी हिसाब से अगर हम 3 लाख 90 हजार रुपए में से 90 हजार रुपए कम कर देते है तो 3 लाख रुपए का मुनाफा किसान को होता है जिससे किसान को प्रति हेक्टेयर जमीन पर मूंगफली कि एक फसल पैदा करने पर 1 लाख रुपए का मुनाफा होता है इसके अलावा आप साल में अपनी जमीन पर 2 से 3 फल को बोकर के अच्छी कमाई कर सकते है.

मूंगफली के प्रयोग और अन्य मूंगफली से जुडी जानकारी

GroundNut Farming:- दोस्तों आप सभी जानते है कि मूंगफली का अधिक प्रयोग तेल निकालने में किया जाता है लेकिन इसके अलावा भी मूंगफली का प्रयोग अन्य बहुत से खाने कि सामग्री बनाने में किया जाता है और हमारे देश के लगभाग सभी शहर के बस अड्डे पर भुनी हुयी मूंगफली बेचने वाले मिल जाते है साथ में आपको बता दे, मूंगफली कि सब्जी भी बनाई जाती है. आपको मूंगफली कि सब्जी बनाने कि विधि (Mungfali Sabji Recipe) को स्टेप बाय स्टेप बताया गया है.

क्या मूंगफली कि सब्जी बनाई जाती है | मूंगफली कि सब्जी बनाने कि विधि बताएं

जी हाँ दोस्तों, मूंगफली कि दुनिया भर में सब्जी (Mungfali Sabji Recipe) बनाई जाती है और जरुरी बात यह है कि मूँगफली दुनिया में सबसे लोकप्रिय मेवों में से एक तकनीकी रूप से एक फली है और इस प्रकार वनस्पति रूप से एक सब्जी है. जिसमे मूंगफली को भारतीय घरों में फलाहार या नाश्ते के रूप में शामिल किया जाता है, लेकिन क्या इनके अलावा आपने कभी किसी टेस्टी और लाजवाब सब्जी को बनाने के लिए मूंगफली का इस्तेमाल किया है और मूंगफली कि सब्जी बनाने कि विधि भी बहुत सरल है.

तैयारी में समय – 20 मिनट
बनाने में समय – 30 मिनिट
टोटल समय – 50 मिनिट
कितने लोगों के लिए – 4

मूंगफली कि सब्जी बनाने के लिए आवश्यक सामग्री क्या क्या चाहिए? (Mungfali Sabji Recipe)

  • मूंगफली – 3/4 कटोरी
  • तेल – 2 बड़े चम्मच
  • टमाटर – 1
  • प्याज – 1
  • लहसुन – 5 कलियां
  • हरी मिर्च – 2-3
  • सूखी लाल मिर्च – 1
  • गरम मसाला – आधा छोटा चम्मच
  • नमक – स्वादानुसार
  • लाल मिर्च पाउडर – आधा छोटा चम्मच
  • हल्दी पाउडर – आधा छोटा चम्मच
  • धनिया पाउडर – 2 चम्मच
  • सौंफ – 1 छोटा चम्मच
  • जीरा – 1 छोटा चम्मच
  • मस्टर्ड सीड्स -1 चम्मच
  • कटी हुई धनिया पत्ती
  • करी पत्ता
  • 1 क्यूब चीज़

मूंगफली कि सब्जी बनाने कि विधि क्या है? | Mungfali Sabji Recipe

  • मूंगफली की सब्ज़ी कैसे बनाएं? के लिए आपको सबसे पहले मूंगफली को अच्छी तरह से साफ करके कुकर में तीन से चार सिटी देने तक अच्छे से उबाल लेना है.
  • फिर प्याज, हरी मिर्च और लहसुन का पेस्ट बना लें, और टमाटर की भी प्यूरी बना लें.
  • इसके बाद एक बाउल में सभी मसाले (नमक, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और गरम मसाला) अच्छी तरह से मिक्स कर लेने है.
  • अब आपको भुनी हुई मूंगफली को दरदरा पीस लें लेकिन इस बाद का भी ध्यान रखें कि मूंगफली का एक दाम से महीन पाउडर न बन जाए.
  • अब एक पैन लें, उसमें तेल डालें और गरम करें. साथ में मस्टर्ड सीड्स, जीरा और सौंफ डालकर चलाएं.
  • अब आप करी पत्ता, लाल मिर्च डालें और 15 सेकंड के लिए भूनें.
  • इसके बाद आप प्याज, लहसुन, हरी मिर्च का पेस्ट डालें और 2-3 मिनट तक भूनें.
  • अब इसमें टमाटर का पेस्ट डालें, अच्छी तरह मिलाएं और 2 मिनट तक भूनें.
  • सारे मसाले मिला कर अच्छी तरह मिला लें और 1 कटोरी पानी डाले और उबाल आने दें.
  • अब उबली हुई मूंगफली डालकर धीमी आंच पर 2 मिनट के लिए रख दीजिए.
  • 2 मिनट बाद आंच बंद कर दें और चीज क्यूब को कद्दूकस करें.
  • इसके बाद हरा धनिया उपर डालकर सजा देना है.
  • अब आपके सामने स्वादिष्ट मूंगफली की सब्जी खाने के लिए तैयार है.
  • आप इसे रोटी (सपाती), लच्छा परांठा या नान के साथ सर्व (खाना शुरू) कर सकते हैं.

FAQ:-(मूंगफली कि खेती के बारे में पूछे जाने वाले प्रशन)

प्रशन:- मूंगफली कि खेती कैसे करें?

Ans:- देश का किसान अपनी जमीन पर मूंगफली कि खेती करने के लिए बिज, खाद, उन्नत किस्मे, लागत, मुनाफा को ध्यान में रखकर के कर सकते है आपको लेख में मूंगफली कि खेती कि पूरी जानकारी को बताया गया है.

प्रशन:- मूंगफली कि खेती में मुनाफा कितना है?

Ans:- मूंगफली कि खेती में मुनाफा मूंगफली कि पैदावार पर निर्भर करता है जिसमे अगर आपकी 1 हेक्टेयर जमीन पर 25 क्विंटल मूंगफली होती है ओत खर्च प्रति हेक्टर 30,000 हजार रुपए है तो मूंगफली के भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल है तो 1,50,000 रुपए कि फसल होती है और इसमें से 30,000 कम करने से किसान को प्रति एक हेक्टेयर मूंगफली कि फसल में 1 लाख 20,000 रुपए का मुनाफा होता है.

प्रशन:- मूंगफली में लगवाने वाले रोग के नाम क्या क्या है?

Ans:- अगर मूंगफली कि फसल में पत्तियां पकने से पहले ही गिर रही है तो ऐसे में मूंगफली में टिक्का रोग होता है. जिससे पत्तियों पर धब्बे पड़ना शुरू हो जाते है. मूंगफली के अलग अलग रोगों कि बात करें तो इसमें मुख्य रूप से जैसे ग्रीवा विगलन, तना गलन, पीला कवक आदि रोग होते हैं.

प्रशन:- मूंगफली में घास रोकने के लिए कोनसी दवा का छिडकाव करें?

Ans:- मूंगफली में खरपतवारों की रोकथाम के लिए पेन्डीमेथालिन 30 ई. सी.1.3 लीटर प्रति एकड 200 लीटर पानी में घोलकर बुवाई के 3 दिन के अंदर छिड़काव कर देना चाहिए. और मूँगफली की खड़ी फसल में चौड़ी पत्ती एवं घास खरपतवारों की रोकथाम के लिए इमेजेथपायर10% एस. एल. (परशूट) 400 मिली प्रति एकड 200 लीटर पानी मे घोलकर बुआई के 15- 20 दिन बाद भूमि में नमी होने पर छिडकाव करें.

प्रशन:- मूंगफली कि खेती करने के लिए कोनसे महीने में जुताई करें?

Ans:- ऐसे तो मूंगफली कि खेती पुरे साल भर की जा सकती है लेकिन खरीफ सीजन में जून माह के दूसरे पखवाड़े तक इसकी बुवाई की जानी चाहिए. क्योकि मूंगफली कि खेती के लिए इस समय उपयुक्त जलवायु होती है जिसकी वजह से मूंगफली कि फसल बेहतर होती है.

प्रशन:- 1 हेक्टेयर मूंगफली कि फसल में कितनी लागत आती है?

Ans:- मूंगफली कि फसल में प्रति एक हेक्टेयर जमीन पर खाद, बिज, सिंचाई, बुवाई और दवाई से सभी को मिलाकर के अगर 30,000 से 35,000 हजार रुपए का खर्चा आता है.

प्रशन:- मूंगफली कि सब्जी कैसे बनाते है?

Ans:- आप मूंगफली को अच्छे से साफ करने के बाद कुकर में दो से तीन सीटी देने तक अछे से उबाल ले और उपर लेख में बताई गई सामग्री और विधि को फोल्लो करके मूंगफली कि सब्जी आसानी से बना सकते है.

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मूंगफली की खेती कैसे करें:- दोस्तों आपको इस आर्टिकल में मूंगफली कि खेती कैसे करें व मूंगफली कि खेती से समन्धित हर एक जानकारी को बताया गया है जिससे आपको मूंगफली खेती से जुडी सभी प्रकार कि जानकारी मिल जाती है इसके अलावा मूंगफली कि सब्जी बनाने कि विधि (Mungfali Sabji Recipe) को भी बताया गया है अगर आपको इस आर्टिकल में दी गई मूंगफली कि खेती से जुडी जानकारी अच्छी लगी है तो इस पोस्ट को अपने सभी दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें.

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