दोस्तों, हमारे देश के किसानों के लिए भारत सरकार ने एक बहुत ही शानदार योजना शुरू की है — प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM योजना)।
इस योजना की शुरुआत मार्च 2019 में नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा की गई थी।
इसका मकसद है – किसानों को सोलर पंप लगाने में मदद देना ताकि वे अपने खेतों की सिंचाई बिना डीजल के कर सकें। सरकार इस योजना के तहत 60% तक की सब्सिडी देती है और 30% तक का लोन भी देती है। यानि किसान को सिर्फ 10% खर्च खुद से करना होता है।
योजना का मुख्य उद्देश्य
किसानों को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल तकनीक से जोड़ना। खेतों में सिंचाई के लिए डीजल की जगह सौर ऊर्जा (Solar Energy) का उपयोग बढ़ाना। किसानों की आमदनी बढ़ाना — क्योंकि वे बिजली बेचकर भी कमा सकते हैं। सोलर पंप की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये बिजली खुद बनाते हैं, और अगर अतिरिक्त बिजली बचती है तो किसान उसे सरकार को बेच सकते हैं, जिससे उनकी अतिरिक्त आमदनी होती है।
योजना के तीन मुख्य भाग (Components)
कंपोनेंट A –
इसमें गांव-गांव में 10 गीगावाट (GW) तक के छोटे सोलर पावर प्लांट्स लगाए जाएंगे।
हर प्लांट का आकार 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक का होगा।
कंपोनेंट B –
किसानों को 7.5 हॉर्सपावर (HP) तक के स्टैंड-अलोन सोलर पंप दिए जाएंगे।
इनकी कीमत करीब ₹17.50 लाख तक हो सकती है।
कंपोनेंट C –
लगभग 10 लाख ग्रिड-कनेक्टेड सोलर पंप लगाए जाएंगे, ताकि सिंचाई के साथ-साथ बिजली भी ग्रिड में दी जा सके।
योजना के लाभ
कुल 28,250 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाले सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं।
60% सब्सिडी सरकार देती है, 30% लोन देती है, और किसान को सिर्फ 10% राशि देनी होती है।
किसान अपने खेतों में सोलर पंप लगाकर सिंचाई आसान और सस्ती बना सकते हैं।
अतिरिक्त बिजली को सरकार को बेचकर किसान हर महीने आमदनी कमा सकते हैं।
अगर किसी किसान की बंजर या खाली जमीन है, तो उस पर सोलर प्लांट लगाकर 25 साल तक स्थिर आमदनी ली जा सकती है।
सोलर पैनल को जमीन से कुछ ऊँचाई पर लगाया जाता है ताकि खेत में खेती भी चलती रहे और बिजली उत्पादन भी होता रहे।
डीजल की जगह सौर ऊर्जा से प्रदूषण घटता है और खेती ज्यादा पर्यावरण के अनुकूल बनती है।
कौन लाभ ले सकता है?
व्यक्तिगत किसान
किसानों का समूह
FPO (Farmer Producer Organization)
पंचायत
सहकारी समितियाँ (Co-operatives)
Water User Associations
आवेदन प्रक्रिया (Online Apply Process)
सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
वहाँ "Registration" सेक्शन में क्लिक करें।
अब आवेदन फॉर्म में अपनी सभी जानकारी सही-सही भरें।
डिक्लेरेशन बॉक्स पर टिक करें और Submit कर दें।
रजिस्ट्रेशन के बाद Login करें और Solar Agricultural Pump Subsidy Scheme 2021 वाले सेक्शन में जाएँ।
आवेदन फॉर्म भरें, सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करें और फॉर्म सबमिट करें।
आवेदन के बाद क्या करना है?
जब आवेदन स्वीकृत हो जाता है, तब किसान को कुल लागत का 10% हिस्सा जमा करना होता है।
बाकी राशि पर सरकार सब्सिडी और लोन देती है।
आमतौर पर 90 से 100 दिनों के अंदर सोलर पंप चालू कर दिया जाता है।
जरूरी दस्तावेज
आधार कार्ड
भूमि दस्तावेज (खसरा/खतौनी)
बैंक पासबुक की कॉपी
घोषणा पत्र (Declaration Form)
मोबाइल नंबर
पासपोर्ट साइज फोटो
PM-KUSUM योजना हमारे किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इससे न केवल खेती के खर्चे घटेंगे, बल्कि बिजली बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी होगी। जो किसान डीजल से चलने वाले पंप का इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए यह योजना एक सुनहरा मौका है कि वे सौर ऊर्जा की ओर बढ़ें और अपने खेतों को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाएं।
सम्बन्धित लिंक
- Guidelines - https://mnre.gov.in/img/documents/uploads/8065c8f7b9614c5ab2e8a7e30dfc29d5.pdf
- Expanded Scope Of PM-KUSUM Scheme - https://www.pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1672580
- About PM-KUSUM - https://pmkusum.mnre.gov.in/#/landing
- PM-KUSUM State Portal Link (Jammu & Kashmir)- https://pmkusum.jk.gov.in/JK/landing.html
- List Of Implementing Agencies - State-wise & Component-wise - https://pmkusum.mnre.gov.in/#/landing