सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना 2025: ऑनलाइन आवेदन, जानें पात्रता व आवश्यक दस्तावेज

by: Lalchand » Published: 2025-06-10

Surya Mitra Krishi Feeder Yojana 2025: मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक क्रांतिकारी पहल की है, जिसका नाम है "सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना"। इस योजना के अंतर्गत अब किसान सौर ऊर्जा के माध्यम से खुद बिजली उत्पादन कर सकेंगे, जिससे उन्हें दिन के समय सस्ती और लगातार बिजली सिंचाई के लिए मिल सकेगी। यह योजना किसानों की उत्पादन लागत को घटाने और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

Surya Mitra Krishi Feeder Yojana 2025

Surya Mitra Krishi Feeder Yojana 2025 का उद्देश्य

"सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना" का मुख्य उद्देश्य किसानों को दिन में पर्याप्त और सस्ती बिजली उपलब्ध कराना है, ताकि वे अपने खेतों की सिंचाई सही समय पर कर सकें। इससे किसानों की जीवनशैली व्यवस्थित होगी और उन्हें रात के समय सिंचाई के लिए बिजली पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

किसान अब बन सकेंगे 'बिजली उत्पादक'

प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला के अनुसार, यह योजना किसानों को न केवल बिजली उपभोक्ता बल्कि बिजली उत्पादक भी बनाएगी। किसान छोटे निवेशकों की तरह सौर ऊर्जा परियोजनाओं में भागीदारी कर सकते हैं और बिजली उत्पादन से आय अर्जित कर सकते हैं।

क्या है सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना?

इस योजना के तहत ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से चलाने के लिए विशेष फीडर तैयार किए जाएंगे। ये सौर फीडर सीधे विद्युत उप-स्टेशन से जुड़ेंगे और 11 केवी की सप्लाई देंगे जिससे एक साथ कई कृषि पंपों को दिन में बिजली दी जा सकेगी।

पीएम-कुसुम योजना का विस्तार

"सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना", प्रधानमंत्री कुसुम योजना का ही विस्तारित रूप है। अब तक मध्य प्रदेश में 8000 से अधिक पृथक कृषि फीडर्स स्थापित किए गए हैं, जिनसे जुड़े लगभग 35 लाख कृषि पंप हैं। इन सभी को धीरे-धीरे सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा।

योजना की प्रमुख विशेषताएं

विशेषताविवरण
योजना का नामसूर्य मित्र कृषि फीडर योजना
संचालन विभागनवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, मध्य प्रदेश
मुख्य उद्देश्यदिन में सस्ती और लगातार बिजली सिंचाई हेतु देना
फोकस क्षेत्रकृषि पंपों का सोलाराइजेशन
बिजली की आपूर्ति11 केवी ग्रिड से डायरेक्ट
विद्युत क्रय अनुबंध25 वर्षों के लिए
फंडिंगकृषि इंफ्रा फंड के तहत 3% ब्याज में छूट

किसानों को मिलने वाले लाभ

  • दिन में सिंचाई के लिए बिजली उपलब्ध 
  • बिजली उत्पादन से अतिरिक्त आमदनी का अवसर 
  • सोलर प्रोजेक्ट्स में निवेश का विकल्प 
  • उत्पादन लागत में कमी 
  • स्थानीय रोजगार सृजन

निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर

यह योजना सिर्फ किसानों के लिए ही नहीं, बल्कि स्थानीय उद्यमियों और छोटे निवेशकों के लिए भी है। वे इन सौर परियोजनाओं में निवेश कर सकते हैं और स्थायी रूप से आय का जरिया बना सकते हैं। सरकार ने वोकल फॉर लोकल के तहत इन निवेशकों को प्रोत्साहन देने के लिए एग्रीकल्चर इन्फ्रा फंड से 3% ब्याज में छूट देने का प्रावधान भी किया है।

ऊर्जा निगम द्वारा की जा रही पहल

मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम ने अब तक:

  • 80 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित की हैं, जिससे 16000 से अधिक कृषि पंप सौर ऊर्जा से संचालित हो रहे हैं। 
  • 240 मेगावाट की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। 
  • 200 मेगावाट की परियोजनाएं प्रक्रिया में हैं।

👉 कुल मिलाकर 520 मेगावाट की परियोजनाएं सक्रिय रूप से चल रही हैं, जिससे 1 लाख से ज्यादा कृषि पंप सौर ऊर्जा से बिजली पा सकेंगे।

तकनीकी सुधार और लाभ

इस योजना के तहत:

  • सब-स्टेशनों पर ओवरलोडिंग की समस्या कम होगी। 
  • पावर कट और लो-वोल्टेज की परेशानी घटेगी। 
  • ट्रांसमिशन हानि में कमी आएगी। 
  • सब्सिडी का बोझ घटेगा। 
  • ग्रिड स्टेबिलिटी बढ़ेगी।

वर्तमान स्थिति व लक्ष्य

स्थितिविवरण
स्थापित परियोजनाएं80 मेगावाट
निर्माणाधीन परियोजनाएं240 मेगावाट
प्रक्रिया में200 मेगावाट
लक्ष्य (पीएम-कुसुम)3.45 लाख पंपों का सोलाराइजेशन
निविदा प्रक्रिया1200 मेगावाट क्षमता के लिए जारी

प्रशिक्षण व भागीदारी

  • शासन ने बैंकों, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ एमओयू साइन किए हैं। 
  • 4 से 8 जून 2024 के बीच GIZ के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ जिसमें 100 से अधिक डेवलपर्स और संयंत्र निर्माता शामिल हुए।

🔚 निष्कर्ष - MP Surya Mitra Krishi Feeder Yojana 2025

सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना किसानों के लिए आर्थिक स्वतंत्रता और टिकाऊ ऊर्जा का नया द्वार खोल रही है। इससे न केवल बिजली संकट का समाधान होगा, बल्कि किसान बिजली उत्पादक बनकर आय भी अर्जित कर सकेंगे। यह योजना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा और सराहनीय कदम है।

यदि आप एक किसान, निवेशक या स्थानीय उद्यमी हैं और इस योजना में भाग लेना चाहते हैं, तो जल्द ही अपने नजदीकी विद्युत उपकेंद्र या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग से संपर्क करें।